किस्से

किस्सा चीर पर्व (महाभारत) दुर्योधन,शकुनी और दुशाशन मिल कर पांडवों को जुए में हराने की योजना बनाते हैं- आपस के बैर विवाद से कोये नफा किसी को है ना।।टेक।। पुत्र पिता का बैर था भाई,राम नाम से हुई थी लड़ाई,नरसिंह बण कै ज्यान खपाई,हिरण्याकश्यप घटे प्रहलाद से,पड़ा नाम हरि का लेना।। सिन्थ उपसिन्थ मां जाये बीर थे,त्रिया कारण हुये आखिर थे,कुरू वंश में शुभ कर्म सीर थे,जिनका मेल कई बुनियाद से,पड़ा रवि शशि ज्यूं गहना।। चकुवे बैन हुए बलकारी,जिसनै जा […]

चीर पर्व (महाभारत)-पं. लख्मीचंद और पढ़णा सै...

किस्से

किस्सा कीचक वध (महाभारत) कौरवों से जुए में हारने के बाद शर्त के अनुसार पांडवों को 12 साल का वनवास और एक साल का अज्ञातवास बिताना था। अगर कौरव अज्ञातवास के दौरान उन्हें दूंढ लेते हैं तो पांडवों को पुनः 12 साल का वनवास और एक साल का अज्ञातवास बिताना होगा। वनवास के 12 साल ख़त्म होने को आये तो युधिष्ठिर को चिंता होने लगी क्योंकि भीम और अर्जुन जैसे योद्धाओं का छुप कर रहना असंभव था। काफी सोच-विचार करने

कीचक वध (महाभारत)​-पं. लख्मीचंद और पढ़णा सै...

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