चीर-पर्व (पं. लख्मीचन्द)

किस्सा चीर पर्व (महाभारत) दुर्योधन,शकुनी और दुशाशन मिल कर पांडवों को जुए में हराने की योजना बनाते हैं- आपस के बैर विवाद से कोये नफा किसी को है ना ।। टेक। पुत्र पिता का बैर था भाई, राम नाम से हुई थी लड़ाई, नरसिंह बण कै ज्यान खपाई, हिरण्याकश्यप घटे प्रहलाद से, पड़ा नाम हरि का लेना ।।1। सिन्थ उपसिन्थ मां जाये बीर थे, त्रिया कारण हुये आखिर थे, कुरू वंश में शुभ कर्म सीर थे , जिनका मेल कई […]

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