किस्से

किस्सा राजा हरिश्चन्द्र एक समय की बात है कि जब अवध देश में सुर्यवंशी राजा हरिशचन्द्र राज करते थे। वे बड़े धर्मात्मा थे तथा पुन्न-दान एवं सत्य के लिए देवताओं तक उनका लोहा मानते थे। एक दिन देवराज इन्द्र की सभा मे नारद जी ने राजा हरीशचन्द्र की बड़ी प्रशंसा की। वहां विश्वामित्र इर्ष्यावश नारद जी की बात को पचा नही सके। सत्य और धर्म को भंग करने हेतू, राजा हरिश्चंद्र की परीक्षा लेने का मन बना लेते है और […]

राजा हरिश्चंद्र-पं. लख्मीचंद और पढ़णा सै...

किस्से

किस्सा हूर मेनका विश्वामित्र की बढ़ती तपस्या से इन्द्र देव डर गया तो वह ऋषि की तपस्या खंडित करना चाहता है। इसके पश्चातत इन्द्रदेव अपने दरबार की मनोंरजन करने वाली अति सुन्दरी मेनका का सहारा लेता है। इन्द्रदेव ने मेनका को बुलावा भेजा और साजिश की सलाह करने लगा। पहले तो मेनका विश्वामित्र के सम्भावित गुस्से से डर गई, परन्तु मजबूर करने पर हॉं कर ली और बात आगे बढ़ाई। मेनका ने कहा इस कार्य में पवन देवता और काम

मेनका-शकुन्तला-पं. लख्मीचंद और पढ़णा सै...

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