राजा भोज (पं. लख्मीचन्द)
किस्सा राजा भोज-शरण दे एक समय की बात है कि उज्जैन शहर में राजा भोज राज्य करते थे। वे बड़े धर्मात्मा और प्रतापी राजा थे। उन्हें रात-दिन अपनी प्रजा के दुख सुख का ध्यान रहता था। अपनी प्रजा का हालचाल जानने के लिए वे खुद गश्त पर जाया करते और लोगों से उनके दुख दर्द पूछकर उनको दूर किया करते थे। एक रात वे अपने साथी मनवा भाण्ड के साथ गश्त पर गये तो उन्हें कुछ शोर-सा सुनाई दिया।उन्होंने मनवा […]
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