उपदेश भजन (पं. लख्मीचन्द)
उपदेश व भजन ~~1~~ ओम भजन बिन जिन्दगी व्यर्था गई, ना रही ना रहै किसे की सदा ना रही ।।टेक।। ओम ब्रह्म निराकार की मूरती, रटे बिन ज्यान वासना मैं झुरती, जिनकी सुरति भजन मैं वा फिदा ना रही ।।1।। राजा बैणूं अधर्म से नहीं हिले थे, जिनके दुनियां मैं हुक्म पिले थे, जिनके चक्र चलैं थे, वैं अदा ना रही ।।2।। उथड़गी गढ़ कोठां की नीम, काल कै ना लगते बैद्य हकीम, राजा भीम बली की बन्दे गदा ना […]
उपदेश भजन (पं. लख्मीचन्द) ...और पढणा सै