भजन

उपदेश भजन (पं. लख्मीचन्द)

उपदेश व भजन ~~1~~ ओम भजन बिन जिन्दगी व्यर्था गई, ना रही ना रहै किसे की सदा ना रही ।।टेक।। ओम ब्रह्म निराकार की मूरती, रटे बिन ज्यान वासना मैं झुरती, जिनकी सुरति भजन मैं वा फिदा ना रही ।।1।। राजा बैणूं अधर्म से नहीं हिले थे, जिनके दुनियां मैं हुक्म पिले थे, जिनके चक्र चलैं थे, वैं अदा ना रही ।।2।। उथड़गी गढ़ कोठां की नीम, काल कै ना लगते बैद्य हकीम, राजा भीम बली की बन्दे गदा ना […]

उपदेश भजन (पं. लख्मीचन्द) ...और पढणा सै

मुक्तक व भजन (फौजी मेहर सिंह)

भजन व मुक्तक (1) रै मन डटज्या क्यूं ना, जै हो को डाटण आला रै।। पांच साल बच्चेपण मै , खूब खेलो खूब खाओ, अक्षरों का ज्ञान सीखण, विद्यालय मै पढ़ने जाओ, ब्रह्मचारी रह पढाई पढ़ो, उत्तम सत्संग पाओ, पच्चीस साल पढ़णे से, सारा ठीक हिसाब होज्या, ऊधर्वगामी वीर्य होकै, चहरे ऊपर आब होज्या, मानज्या रै मन मूर्ख ,कदे बीच मै खराब होज्या, मन वश जै नहीं रहै तै,पडज्या कुबध करण का ढाला।। अष्टयोग अभ्यास करकै ,तुरीय पद का धरणा

मुक्तक व भजन (फौजी मेहर सिंह) ...और पढणा सै