वीर हकीकत राय

पूर्णमल-सुंदरा दे (फौजी मेहर सिंह)

किस्सा पूर्णमल-सुंदरा दे एक बार गुरु गोरख नाथ चलते चलते चीन की सीमाओं पर पहुच जाते हैं। तथा वहा अपना डेरा लगा देते हैं। वहा कि राजकुमारी सुन्द्रादे थी जो साधु को भिक्षा प्रदान करके उनका कत्ल कर देती थी। स्यालकोट मै सुलेभान का था मैं राजदुलारा मेरी माता इच्छरादे की आंख का तारा जन्म होया तब ज्योतषी नै मेरे बारे फरमाया बारह साल दूर राखो जब कटै संकट की छाया इतणा सुण मेरे पिता नै मैं भौरे मै रखाया […]

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वीर हकीकत राय (फौजी मेहर सिंह)

किस्सा वीर हकीकत राय बात उस समय की है जब भारत पर मुगल बादशाह शाहजहाँ द्वितीय राज किया करते थे। उस समय पंजाब के स्यालकोट में सेठ भागमल अपनी पत्नी कौरां व इकलौते बेटे हकीकत के साथ रहते थे। हकीकत की शादी बचपन में ही लक्ष्मी नाम की लड़की के साथ कर दी थी। हकीकत मदरसे मे पढने के लिये भेजा जाता है। हकीकत बड़ा होनहार था। काजी साहब मुंशी जी जो भी सबक पढाते वो तुरंत ही याद कर

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