किस्सा नेता जी सुभाषचंद्र बोस

नेता जी का जन्म 23 जनवरी 1897 को उड़ीसा के शहर कटक में हुआ था जो उस समय बंगाल प्रान्त का हिस्सा था। माता नाम प्रभावती था व उनके पिता का नाम जानकीनाथ कटक के मशहूर वकील थे।
भारत अंग्रेजो का गुलाम था तो भारतमाता भगवान से खुद को आज़ाद करवाने के लिए कहती है। तो भगवान कहते है की जब तक भारत के लोग अपनी गलतियों को सुधारेंगे नहीं और एक नहीं होंगे तब तक देश आज़ाद नहीं हो सकता। भगवान की इतनी बात सुन कर भारत माता की मनोस्थिति का कवि ने कैसे वर्णन किया है-

सुण सुण ताने भारत मां की नाड़ तले नै होगी
चढ़गी शर्म लिहाज आज मै कोन्या बोलण जोगी।टेक

इस गैर मुल्क की बोली के मेरै छींटे से लागै
सब तै पाच्छै बैठे रहगें जो बोलणियां थे आगै
बिना अक्ल के ऊंट उभाणे कांटयां कै म्हां भागै
यो हिन्दुस्तान नींद का दुखिया और मुल्क सब जागै
बेरा ना कद आंख खुलेगी या भोली जनता सोगी।

हंस हंस ताने मारण लागे ब्रहमा चीन जापानी
अमेरिका अफ्रीका, रूस और जर्मन लोग ईरानी
अरब तुर्क भी बोली मारै ठट्ठें करैं भूटानी
ये के मांगै आजादी कै पागल हिन्दुस्तानी
बेईमानां और बैर हिन्द नै या छुआ छात डूबोगी।

लख चौरासी जीया जूण जिनका ब्रहम एक बतलाया
दीन ईमान बराबर सबका धरम एक बतलाया
खून पसीना हाड माँस यो चरम एक बतलाया
सदाचार और जीव रक्षा करम एक बतलाया
समझणीयां कै कली तीसरी गुप्ती सेल चुभोगी।

गुरू लखमीचन्द नै सांग करया नोटंकी लकड़हारा
मांगे बामण हीर पीर की जोड़ रागनी गा रहया
वो बाजे भगत सुसाणे का जमाल नै सर पै ठा रहया
सुण सुण कै नै बात अनाड़ी भारत डूब्या जा रहया
करै आजादी का प्रचार मेहरसिंह ना या दुनिया थूक बिलोगी ।

भारत माता के कष्ट को जल्दी ही दूर करने का आश्वाशन देते हुए कवि ने कैसे वर्णन किया है-

भक्त कष्ट नै सहा करै क्यूं सूख के बाता होगी
थोड़े दिन की बात तेरी जय भारत माता होगी।

वो भगतां खातिर तैयार रसोई घी और बूरा कर देगा
उड़द मोठ भगर की रोटी मैदा चूरा कर देगा
भारत माता तेरे काम नै ईश्वर पूरा कर देगा
पहलम केसा रंग भारत में वोहे जहूरा कर देगा
विष्णु नै वरदान दिया भारत की सहायता होगी।

गांधी का भाषण सुण कै देश का सबनै होश होगा
इलाहबाद में पंडित नेहरू कलकत्ते में बोस होगा
बीर मर्द बूढ़े बालक सब मै पैदा जोश होगा
राज छोड़ कै भाजैं गौरे लंदन लाखां कोस होगा
हिन्दू मुस्लिम मिलज्यां गोरंया कै लातम लातां होगी।

जिले तहसील गाम कट्ठे कट्ठे सब अस्टेट होंगें
वीर पटेल जनता के कमांडर और मेट होंगे
कांग्रेस के मददगार दिल्ली में बिरला सेठ होंगे
तन मन धन सबों की सेवा धन भारत की भेंट होंगें
कर्ण कुबेर बराबर जनता दानी और दाता होगी।

चारों वर्ण रहैं मिलकै सब सुख सम्पन होंगे
शराब मांस चोरी जारी जूए सट्टे बंद एक दिन होंगे
आजादी आवण की सुण कै लोग घणे प्रसन होंगे
सब बैठ प्रेम तै सुणै इसे मेहर सिंह के भजन होंगे
तेरी अकलमन्द चातर जनता वेदां की ज्ञाता होगी।

रात को सुभाषचंद्र बोस को भारत माता सपने में दिखाई देती है और क्या कहती है-

दई कई बोल लिए आंख खोल कर होंस बोस बलदाई।
बिशनपुरी तै भारतमाता कलकत्ते में आई।टेक

यो भारत देश पड़ा सोवै सै पर तनै जागणा होगा
मात पिता और कुटम्ब कबिला घर बार त्यागणा होगा
प्यारा हिन्दुस्तान छौड़कै बाहर भागणा होगा
तेरे खातर या खून की होळी खेल फागणा होगा
मांगे तै ना राज मिलै तनै करणी पड़ै लड़ाई

जिसकै आस औलाद नहीं वा बीर सबर कर ले सै
बेटे जण कै दुःख देखे उस मां का जीणा के सै
अपणे हाथां नाड़ काट दे या पड्या गंडासा ने सै
सारे देश मै लाल मेरे एक तूं हे दिखाई दे सै
लछमन जैसे वीर जती श्री रामचन्द्र के भाई।

दया धर्म सुपने में रहा ना रोवै पशु पखेरू
दई देवता भूत मशणी नगर भूमिया भैरू
कृष्ण समान ज्ञान गांधी का धर्म युधिष्ठर नेहरू
अर्जन बण कै तीर चला दे पैदा होगे कैरु
तूं के सोवै सै उठ खड़ा हो कर दे भीम सफाई।

तने जगावण आई सूं ईब जा सूं मर्दाने मैं
मेरे कारज सिद्ध होंगे गाम बरोणा जाने मैं
नन्दा जाट का घर टोह ल्यूंगी बेगवाण पाने मैं
तन मन धन तै मदद करेंगे वे आजादी लाने मै
राजी हो कै वर दूंगी करो मेहर सिंह कविताई।

सुबह सुभाषचन्द्र बोस अपनी भाभी से जा कर जब जय हिन्द बोलते हैं तो उनकी भाभी उनसे कहती है कि सुभाष, जय हिन्द बोलने वालो को तो अंग्रेजो ने काले पानी उतार दिया। और सुभाषचन्द्र बोस की भाभी उन्हें क्या कहती है-

जालसाज अंग्रेज ऊत ये लिकड़े सात विलायतां मैं तैं
ढके ढकाऐ ढ़ोल रहाण दे के लेगा इन बातां मैं तैं।टेक

के बूझैगा अंग्रेजां नै मोटा जुल्म गुजार दिया
रोड़ी का पुळ त्यार करा वो तरखान मिस्त्री मार दिया
हीरालाल जुलाहा था वो पकड़ कैद में डार दिया
खुद तेरा चाचा बोस बिहारी काळै पाणी तार दिया
इसी आजादी नै भगत सिंह से वीर खो दिये हाथां मैं तैं।

राम राम जयहिन्द छुड़वाकै गुड़ मोर्निंग पुजा दिया
एक इन्द्रनाथ सुण्या होगा जो उमर कैद में तुजा दिया
वीर केसरी पंजाबी का तुरत डळा सा बुझा दिया
जलियां वाळे बाग में डायर ने मार मार मुंह सुजा दिया
तूं के शहत निचोड़ैगा इन भिरड़ ततैयां के छातां मैं तैं।

राम प्रसाद ब्राहमण की आड़ै जड़ छोड़ी कती मूल नहीं
चन्दरशेखर दिलीप सिंह की पड़ै जगत में भूल नहीं
खत का सुथरा महक बिना किसी काम का फूल नहीं
प्रजा ने दुःख देवै यो राज धरम का असूल नहीं
तूं के खुशबोई लेगा इन आक ढाक के पातां मैं तें।

सौ सौ मण की झाल उठती हाल सुण झांसी राणी का
अग्नि कै म्हां गात फूंक दिया मैना देवी याणी का
धरती पर तैं छोरा खो दिया हर फूल जाट जुलाणी का
लिक्खे पड्ढे बिना पता चलै ना अंग्रेजां की कहाणी का
इस मेहरसिंह ने भेद टोह लिया बंद डायरी बही खाते मैं तैं।

सुभाषचन्द्र बोस अपनी भाभी से क्या कहता है-

इन जाल साज ऊंता कि करणी आ इनके स्यामी जागी।।
जब भारतवासी जागैंगे या लिकड़ गुलामी जागी।। टेक ।।

जब हीरा लाल तरखान मारे यो देश पड़या सौवे था,
आजाद भगत सिंह कि शहादत पै फूट फूट रोवै था ,
वीर केसरी प्रसाद चलै गए जब मूधा पड़ पड़ टोहवै था
राणी झांसी मैना कि सुण दुख दाग जिगर धोवै था
हरफूल जाट कि छेड़ी लड़ाई ना गर्क गुमनामी जागी।।1।।

गहरी चोट दी गौरंया नै करि फूट गेर कुणबा घाणी ,
हिन्दू सिक्ख डोलतै न्यारे न्यारी मुस्लिम तुरक पठाणी।
बाहमण हरिजन न्यारै लड़तै जांटा नै न्यारी तेग ताणी
इसै कारण भाभी इब लग हामनै पड़री मुंह कि खाणी
जिस दिन सारे मिलगे गोरया कि लक्कड़ पतलून पजामी ज्यागी।।2।।

इस आजादी की जंग मै भाभी ब्होता नै खपना होगा,
देश की खात्यर जान चली जा मेरे बिल्कुल भी दुख ना होगा,
गुड मोरनिंग छोड उल्टा राम नाम जपना होगा,
सारे मिलकै होश करेंगे पूरा म्हारा सपना होगा,
छुआछात मिट जागी हो दूर बदकामी जागी।।3।।

मनै जगागी भारत माता मनै देश जगाणा सै
बरलिन म्हा हिटलर तै जाकै मनै हाथ मिलाणा सै
इन अंग्रेजा कि हुकूमत का मनै तख्ता पलट बगाणा सै
प्यारा हिन्दूस्तान री भाभी मनै आजाद करवाणा सै
फेर तिरंगे नीचे मेहर सिंह कि सलूट स्लामी जागी।।4।।

आगे सुभाषचंद्र अपनी भाभी से क्या कहता है-

देश गुरु गांधी कै धोरै दिल्ली जांगां तड़कै
भारत देश गुलाम म्हारा आजाद करूंगा लड़कै।

दखें दयूंगा मेट क्लेश देश म्हारा ना सै घाट किसी तैं
गांधी का प्रकाश जगत मै होगा बाध शशि तै
मांगूंगा वरदान ऋषी तै पाहयां के म्हां पड़कै।
सिर फोडुं और फड़वा लुंगा अंग्रेजा तै भिड़कै।

जाणा होगा रण में के मन में सोच विचार करूं
जो कहगी थी भारत माता ईब वाहे कार करूं
आई.एन.ए. तैयार करूं कलकत्ते तै लिकड़ कै
जिन्दा रहा तै आण मिलुंगा ईब चाल्या बिछड़ कै

बुजदिल और नामर्द हिजड़ा ने जी प्यारा लागै
दुश्मन आगै पीठ दिखा कै बोस कदे नहीं भागै
रैफळ तोप गोळी कै आगै खड़ा रहूंगा अड़ कै
बेशक ज्यान चली जा ना मैं शीश समझता धड़ कै।

गुरू लख्मी चंद का ज्ञान हृदय मै धारूंगा
कह मेहरसिंह तन मन धन सब देश पै वारुंगा
निर्भय हो गोते मारुंगा ज्ञान गंग मैं बड़ कै
ना हाथ पुराणे लाऊं कहुं भजन नऐ नऐ घड़ कै।

जब सुभाषचंद्र अपनी भाभी से दिल्ली जाने की बात करता है तो उनकी भाभी उनसे एक साड़ी की फरमाईश करती है-

बोस इसी साड़ी ल्यादे दुःख दूर उमर भर का हो।टेक

ना मोटा ना पतळा लत्ता खद्दर सुथरी शान का हो
ठपा और चतेरा छापा फैशन नए डिजायन का हो
साड़ी कै म्हां खिंचा हुआ नक्शा हिन्दुस्तान का हो
राम सीता लछमन का फोटू गैल हनुमान का हो
चारों पल्यां उपर फोटू सावित्री और सत्यवान का हो
पीळा हरा सफेद लाल रंग आजादी की शान का हो
बीच महात्मा गांधी का फोटू पास धरा चरखा हो।

पीला हरा सफेद लाल रंग चढ़रा खूब कमाल का हो
साड़ी कै म्हां कढ़ा कशीदा फैशन आज काल का हो
कांग्रेसी टोपी का फोटू एकदम नई चाल का हो
राधे और कृष्ण का फोटू गंयां और गवाल का हो
मोलाना पटेल का फोटू म्हांहे राजगोपाल का हो
लक्ष्मी सहगल का फोटू म्हांहे जवाहर लाल हो
इस साड़ी नै जब बाधूं जब राज म्हारे घर का हो।

मथुरा बिन्दराबन का फोटू अयोध्या कांशी का हो
चन्द्रमा सा खिला हुया चौदस पूर्णमासी का हो
आगरा दिल्ली का फोटू म्हांहे नकशा झांसी का हो
जलियां वाळे बाग का फोटू पापी डायर की बदमाशी का हो
हंसता दे दिखाई तखता भगतसिंह की फांसी का हो
इस साड़ी का ल्याणा देवर काम नहीं हांसी का हो
आजाद हिन्द फौज का फोटू बोस उतर रहा सिंगापुर का हो

जो तूं साड़ी ना ल्याया तै माणस ना किसै काम का हो
साड़ी कै म्हां कढ़ा कशीदा खून मनुष्य के चाम का हो
लड़ती दीखे सेना नकशा ब्रहमा और आसाम का हो
साड़ी कैम्हां नकशा म्हारे भारत देश तमाम का हो
जगह जगह नाम लिखा सतगुरु जी के धाम का हो
मेहर सिंह के घर का फोटू खास बरोणे गाम का हो
छोटे बडे कवि का फोटू करते आजादी के जकर का हो।

साड़ी की बात सुनकर सुभाषचंद्र अपनी भाभी से क्या कहते हैं-

ठापा और चतेरा छापा फैशन और ढंग देख लिए।
जिसा बताया उसा ऐ अपणी साड़ी का रंग देख लिए

ना मोटा ना पतळा लत्ता खद्दर होगा खादी का
बीच हिन्द तमाम का फोटू त्रिगुण रंग आजादी का
सत्येवान का फोटू होगा बख्त सावित्री की शादी का
राम लखन लंका नै तोड़ैं बाजै ढ़ोल मुनादी का
बीच महात्मा जी का फोटू चरखा भी संग देख लिए।

जितने फोटू तनै बताऐ सारे होंगे साड़ी मैं
सूरज और चन्द्रमा नौ लख तारे होंगे साड़ी मैं
पीला हरा सफेद लाल रंग आ रहे होंगे साड़ी मैं
बोस, पटेल, चन्द्रशेखर खड़े न्यारे होंगे साड़ी मैं
सिंगापुर आजाद फौज तूं ब्रहमा का जंग देख लिए।

मथुरा बिन्दरावन का फोटू कांशी का नकशा होगा
कलकत्ता, बम्बई और दिल्ली झांसी का नक्शा होगा
अंग्रेजां का चाल चलण बदमाशी का नक्शा होगा
लांखां माणस टूट लिए वो फांसी का तखता होगा
फांसी के तख्ते पै भगत नै होता हंग देख लिए।

राधे और कृष्ण का फोटू सीताराम छपा द्यूंगा
अड़सठ तीर्थ साड़ी के म्हां सारे धाम छपा द्यूंगा
चारों पल्लयां ऊपर गुरु लखमीचन्द का नाम छपा द्यूंगा
हरियाणे के बीचोबीच में बरोणा गाम छपा द्यूंगा
नंदा जाट के घर का फोटू उसमै मेहर सिंह देख लिए।

इसके बाद जब सुभाषचंद्र दिल्ली के लिए रवाना होते है तो उस समय का हल कवि ने किस प्रकार बताया है-

कटण मरण तै शाल डरा करैं शेर भरया करैं चाह मै
भरा खुशी में बोस जणु बनड़े का बाबू ब्याह मैं

भरया खुशी में बोस जणु गर्मी धूप सर्द कुछ ना
मर्दां खातिर बर्छी भाले तेगा सेल कर्द कुछ ना
सारा गात छण्या गोळी तैं फिर भी कह दर्द कुछना
जो गादड़ की धमकी तै डरज्या वो बब्बर शेर मर्द कुछ ना
ईब कोण रूकावट गेरणीयां म्हारी आजादी के राह मैं।

सुपने के म्हां भारत माता सारे पवेंट बतागी
जय हिन्द जय हिन्द और नमस्ते ना गुड नेट बतागी
म्हारे देश की आजादी का खुला गेट बतागी
काबुल कै म्हां खुल्या रास्ता बिल्कुल रेट बतागी
इब तेरे बताऐ काम करूंगा भारत मां मैं।

देश के ऊपर मरया करैं शूरवीर बलवान
मुल्क कै ऊपर ज्यान झोंक दैं शीश काट कै कर दें दान
पंडित हो के झूठ बोल दे विधवा हो कै चाबैं पान
क्षत्री हो कै रण तैं भाजै उस का नरक बीच अस्थान
तीन लोक में जगह मिले ना हो मुंह काळा दरगाह मैं।

माता-पिता की आज्ञा लेकै छोटे बाळक पुचकारे
जवाहरलाल से करी नमस्ते पां गांधी के चुचकारे
कलकत्ते तै लिकड़ बोस नै सारे सौण विचारे
मेहर सिंह ने जाण पटी के बोस बहादुर जा रे
हिन्द का बेड़ा पार करेगा बैठ धरम की ना में।

दिल्ली आने के बाद उन्होंने महात्मा गाँधी, जवाहरलाल नेहरू, सरदार पटेल आदि नेताओ से मुलाकात की व भारत के स्वतंत्रता संग्राम में सक्रीय रूप से भा लेने लगे। वे कई बार गिरफ्तार भी हुए। ऐसे ही एक बार वे पठान का वेश बना कर लाहौर-पेशावर-काबुल होते हुए जर्मनी जा रहे थे तो काबुल में एक सराय में भठियारी के पास रुके और उसे बताया की वे झार पीर के दर्शन करने आया हूँ। कुछ अंग्रेज सिपाहियों को उन पर शक हुआ तो सुभाषचंद्र बोस ने उन्हें सोने की घड़ी और कुछ रूपए दे कर उनसे पीछा छुड़ा लिया। भठियारी को लगा की इस परदेशी के पास तो बहुत सा पैसा है। तो उन्हें सोते हुए मारने और उनका सारा धन लूटने की योजना बनती है। रात में सोते हुए सुभाषचंद्र का गला काटने के लिए जैसे ही भठियारी वार करती है तो सुभाषचंद्र बोस की आंखे खुल जाती हैं और वो भठियारी की क्या कहते हैं-

धोखा दे कै परदेसी नै डाटा ना करते
घर आए माणस के सिर नै काट्या ना करते।टेक

न्यूं तें मैं भी जाण गया री मनै हलाल करैगी
मैं न्यूं बूझूं मनै मार कै तूं के पार तिरैगी
परदेसी की रकम लूटकै अपणा पेट भरैगी
दो दिन छ्यक्कै खा लेगी फिर भूखी रांड मरैगी
बेईमाने तैं सदा किसै के पुरे पाट्या ना करते।

सब तैं मोटा जुल्म बताया दया धरम हारे का
तीन जन्म तक पाप छुटै ना माणस के मारे का
कीड़े पड़कै मरा करै जो घात करै प्यारे का
घूंट भरै जब पता चलै मीठे और खारे का
अमृत जाण जहर नै री पागल चाट्या ना करते।

त्रेता युग में बाल्मीकि हुए डाकू चोर लुटेरे
धन लोभी नै लाखां माणस मार कूट कै गैरे
एक दिन कहण लगे कुणबे तै पाप बटा लो मेरे
वो न्यूं बोले पाप और पुन के हाम ना साथी तेरे
पाप और पुन नै घर के माणस कदे बांटया ना करते।

गुरू लखमीचन्द का ज्ञान सुणै नै कान उरे नै ला ले
तेरी काया के पाप छूटज्यां गंगा जी सी नहा ले
उस घर जाणा चाहिए जो कर कै आदर मान बुला ले
नाटण का मेरा काम नहीं चाहे बाळक भजन कहवा ले
होली गावण की कार मेहरसिंह नाट्या ना करते।

रागनी-11

कोण सै री कूणस सै मिशरानी घर थारे मैं
बिजली केसा चान्दणा हो रहा चौबारे मैं।टेक

के अमरीका का गोरा सै के लंदन का अंग्रेज
खिल रह्या सै प्रकाश चौगरदै चन्द्रमा सा तेज
चौबारे में घाल दी क्यूं एकले की सेज
बोलण और बतळावण नै तो दूसरे नै भेज
रोज रोज के आवै सै यो देश म्हारे मैं।

कोयल की ज्यूं बोल गर्दन मोर की तरियां
चन्द्रमा में मोहित सखी चकोर की तरियां
कमरे में क्यूं लुकरह्या सै यो चोर की तरियां
क्यूं भीतर बंद कर राख्या सै यो ढ़ोर की तरियां
घूमण दो आजाद इसने म्हारे गळियारे मैं।

कदे उठै कदे बैठै सै चैन आराम ना इसकै
के इसका धन खूग्या धोरै दाम ना इस कै
हम बूझैं बतलादै नै के नाम ना इस कै
कै याणे के मरे मात पिता घर गाम ना इसकै
इसा के मोटा दुःख पड़ रह्या सै इस गरीब बिचारे मैं।

कित तैं आया कित जागा के कार करणीयां सै
किस सौदे का सौदागर के व्यापार करणीयां सै
के कांग्रेस की नई हकुमत त्यार करणीयां सै
के भारत में आजादी का परचार करणीयां सै
के जाट मेहरसिंह घूमणियां हिन्दुस्तान सारे मैं।

रागनी-12

के सै तेरी जात, वर्ण और के सै तेरा नाम
किस धरती पै जन्म लिया, हाम बूझैं सै तेरा गाम...टेक

तेरी वीरता, रूप, जवानी म्हारै पसन्द सै
के धर्मपुरी का धर्म, पाप के काटै फन्द सै
के इन्द्रपुरी का रहने वाला, तूहे इन्द सै
के नंद जी का लाल कृष्ण गोविन्द सै
के गोद कौशल्या की खेल्या, तू दशरथ जी का राम...

तू देखण जोगा छोरा बाँका, छैल जवान सै
के तारा, चौड़ा, पारथ, पृथ्वी राज चौहान सै
के मुण्डलिक अवतार बहादुर सिरसे का मलखान सै
के जसराज का उदयचन्द, जिसकी जग-जाहिर किरपाण सै
के अर्जुन, सहदेव, भीम बली, उस कुन्ती जी का जाम...

नाम और गाम बताकै, करदे कति निचौड़ तू
के महाराणा प्रताप सिंह सै रजपूतां की मरोड़ तू
के नौ महलों का रहने वाला अमर सिंह राठोड़ तू
के खड़वाली का टेकराम, दे माणस का मुँह फोड़ तू
के हरफूल जाट जुलाणी का जिसनै जाणै मुल्क तमाम...

हाम सब दुनियां नै जाणै है, बेरा घाटी-घाटी का
के बाजे भगत सुसाणे का,के लखमी चन्द जाटी का
के मांगे राम पाणची का, गावणियां छांटी का
कै धनपत डूम निंदाणे का, माणस सै हद पाटी का
कै बरोणे आला जाट मेहर सिंह करै गावण का काम...

रागनी-13

आड़ै धर्मराज इन्द्र क्यूं आवै, तू पागल जाण बणै मतना।
मैं भी थारे कैसा माणस, कृष्ण, राम गिणै मतना...टेक

कृष्ण बैठे अमरावत मैं, फूल शीश पै गिरते होंगे
रामचन्द्र श्री सीता, लक्ष्मी, क्षीर समुन्दर तिरते होंगे
धर्मराज भी धर्मपुरी मैं, दुनिया का न्याय करते होंगे
इन्द्र भी परियां की गैल्या, स्वर्गपुरी में फिरते होंगे
मेरे कैसा दुःखी आदमी, किसे नै माता जणै मतना...

तारा, चौड़ा, पृथ्वी पारथ वे तै राजा भारे थे
उदल और मलखान वीर तै बावन सूबे हारे थे
धर्म युधिष्ठिर भगत हरि के कृष्ण जी के प्यारे थे
अर्जुन, सहदेव, भीम बली नै कोत्र सौ कैरौ मारे थे
मैं उन कैसा योद्धा कोन्या, तू अर्जुन के तीर तणै मतना...

महाराणा प्रताप सिंह तै, रजपूतां मैं तरगे थे
अमर सिंह राठोड़ शेर तै, शाहजहाँ तक भी डरगे थे
टेक राम भी बड़ां-बड़ां का ढिल्ला नक्शा करगे थे
हरफूल सिंह भी रफल उठाकै, दुनियाँ के मां फिरगे थे
वो सै माण नै न्यू कहदे था, बस-बस ज्यादा उफणै मतना...

तनै बाजे का भी नाम लिया, वो बैठा भगत ठिकाणै सै
गुरू लख्मी चंद वेदां के डुंघे खोज बखाणै सै
मांगे राम पाणची का रागां के लठ से ताणै सै
धनपत डूम निदाणे आला, घणे काफिए जाणै सै
यो जाट मेहर सिंह गालां का रोड़ा , इसनै मुंडेर चणै मतना...

रागनी-14

रणभूमि के मैदान में बीरां का काम नहीं सै।टेक

ध्यान लगा कै सुणती जाईए जंग की बताऊं बात
छमा छम गोळी चालैं सामण के सी हो बरसात
मोर्चे मैं रहणा पड़ै आठों पहर दिन रात
बिच्छू माछर डांस पापी चूंट-चूंट कै खाज्यां गात
बूट्टी पट्टी धोरै कोन्या कीड़े पड़ज्या गळज्या लात
गैस का झकोला गोळा माणस का बणा दे खात
बम्ब गोळां के घमसाण मै, मिलै हड्डी का नाम नहीं।

शीश हथेळी ऊपर धर कै रणभूमि में शेर बड़ैं
मारो मारेा कर कै दोनूं दलां के जवान लड़ैं
घोड़ां के दुलत्ते चालैं मर्दा के भी गात भडैं
मोटर लारी मोटर सेती टैंकां गैल्यां टैंक अड़ैं
छमा छम गोळी बरसैं दमादम बम्ब पड़ैं
कट कट शीश पड़ैं धरती पै पीपल के से पात झड़ैं
जहाज फिरै आसमान मैं ,जड़ै चोखट थाम नहीं सै

बीरां तै ना होया करती लड़ाई की खोटी कार
ताकू, छुरी, बैंट, बरछी खोखरी की बुरी मार
बल्लम, भाले, सांग, शनिचर गात कै म्हां होज्या पार
तकवा और गंडास कवाहड़ी जिन पै छः आंगल की धार
टवंटी फाईव तोप का गोळा सूके में मचादे गार
पिस्तोलों के फैर छुटैं छनक छनक चालै तलवार
हथियारां के चलाण में लाठी का नाम नहीं सै

एटम बम्ब के गोळे मैं तनै बताऊं सूं मजबून
दरखत पर्वत पहाड़ तोड़ैं पत्थरां का भी कर दें चून
लाखां माणस घायल तड़पैं हजारां का होज्या खून
लड़ाई में जाणीयां की रेह रेह माटी घणी बरुन
पाणी पाणी करकै मरज्या रोटीयां की बुझै कूण
घर कुणबे ने याद करै नर धरती कै म्हां मारैं दूण
सै मेहरसिंह के ध्यान में सुख सुबह और शाम नहीं।

इसके बाद जब सुभाषचंद्र बोस जर्मनी पहुँचते हैं तो वह उनका स्वागत कैसे होता है-

घड़ी ना बीती ना पल गुजरे उतरा जहाज शिखर तैं
बरसण लागे फूल बोस पै हाथ मिला हिटलर तै।टेक

जर्मन आळे लोग बोस नै ठा ठा देखैं ऐडी
खुशी मनावें मंगल गावैं फूल बगावै लेडी
जर्मन आळी बीरां कै म्हां अदा नजाकत टेढ़ी
पतली पतळी लाम्बी लाम्बी जणुं हरे बांस की पेडी
कोए पन्द्रहा कोए बीस बरस की कोए ढ़ळरी मेम उम्र तैं।

हंस हिटलर नै कोळी भरली सच्चे यार बोस की
जय हिन्द जय हिन्द और नमस्ते ली दिलदार बोस की
सब तैं ज्यादा ईज्जत राखी दरियापार बोस की
आगै आगै बैंड बजण लगा पाच्छै कार बोस की
जर्मन की जनता खुश होगी मिल भारत के लीडर तैं।

जो कुछ मांग्या काम बोस नै भागदौड़ कै होग्या रै
खातिर खिदमत खातर हिटलर खड्या हाथ जोड़ कै होग्या रै
अफसर और सिपाहियां का चहमाट खोड़ कै होग्या रै
बाकायदा कोठी का पहरा च्यारों ओड़ कै होग्या रै
अटैनसन करकै हुकम सुणा दिया गारद के अफसर तैं।

तीन लोक और चार खूंट में बोस शेर तपै सै रै
बैज बटन और असटड में भी फोटू रोज ठपै सै रै
बेसक आजादी चाहवण आले अंग्रजां हाथ खपै सै रै
पर आजादी के भजन रागणी बरोणे बीच छपै सै रै
या कथा बोस की त्यार हुई सै मेहरसिंह के घर तैं।

जर्मनी में हिटलर से मिलकर भारत को आज़ाद करने की योजना बनायीं और हिटलर से मदद ले कर सुभाषचंद्र बोस पहुंचते है सिंगापुर। उस समय का कवि ने कैसे वर्णन किया है-

झट बोस बहादुर सिंगापुर में आऐ।टेक

घूमण लागे आजाद कैदी बेड़ी और बन्द खोले गए
जितणे गौरे कैद में थे जळभुन हो कोल्ये गए
जाल साज बदमास आदमी लुच्चे ऊत टटोळे गए
ब्रिटिश के गुलाम फेर आजाद नाम से बोले गए
चुगलखोर और देश द्रोही सत्ता से डोले गये
सिंगापुर में नेता जी सोने चांदी से भी तोले गए
जितने दाम हुऐ कठ्ठे सब देश खर्च में लाऐ।

जितने कैदी थे भारत के सबके संग मुलाकात हुई
कैप्टन नवाब ढिल्लन मोहन सिंह से बात हुई
सोचण लागे स्कीम बैठ कै काळी सारी रात हुई
भारत की आजादी खातिर मिटिंग और पंचायत हुई
छुआ छात खत्म करकै कठी सारी जात हुई
सिंगापुर की फौज आर्मी बंगाली के साथ हुई
हिन्द की खातिर करण मरण नै सबनै हाथ उठाऐ।

विजय लक्ष्मी और जितने नेता सब संग भेंट हुई
ब्रहमा की लड़ाई खातिर मुकरर तारिख डेट हुई
अंग्रेजां की चलती गाड़ी स्पेशल भी लेट हुई
नेता के कानून आगै ब्रिटिश की ना मेट
अमरीका अफ्रीका की सुणकै ढबरी टैट हुई
तिरंगे झंडे कै नीचै फौज की परेड हुई
आजाद हिन्द फौज नाम सुण्या जब चर्चिल भी घबराऐ।

डिविजन और ब्रिग्रेड बैठे कमर बन्द लोह लाठ होगे
बड्डी लारी मोटरसाइकिल टैंकों के गड़गड़ाहट होगे
फीटर बम्ब और जहाज हवाई सारे ही अस्टाट होगे
नेवी अग्न बोट समुन्द्री तैयार ड्राईवर गाट होगे
बाहमण हीर गुजर हरिजन म्हाहे शामिल जाट होगे
सबने मिलकै जयहिन्द बोली आजादी के ठाठ होगे
नेता जी के कथ कै चरित्र मेहर सिंह ने गाऐ।

bandar terpercaya

mbo99 slot

mbo99 situs slot

mbo99 slot mpo

agen resmi

bandar judi

slot99

akun jp

slot mpo

akun pro myanmar

sba99 slot

daftar sba99

mpo asia

agen mpo qris

akun pro platinum

paito hk

pola gacor

sba99 bandar

akun pro swiss

mpo agen

akun pro platinum

qris bri

slot deposit 1000

mbo99

slotmpo

sba99

slot akurat

mbo99 slot

mbo99 link

mbo99 agen

situs mbo99

mbo99 daftar

mbo99 situs

mbo99 login

mbo99 bet kecil

mbo99 resmi

mbo99

bola slot

judi mpo

bola slot

judi mpo

gampang jp

slot akurat

gacor 5000

slot mpo

mpo 100

slot 100

paito warna

depo 25 bonus 25

paito slot

lapak pusat

murah slot

jago slot

pasar jackpot

mpo5000

lapak pusat

mpo gacor

slot bonus 200 di depan

slot bonus new member 200

mpo maxwin

pawang gacor

bank bsi

slot server myanmar

slot server thailand

slot demo gratis

slot server vietnam

slot server kamboja

demo slot pg

link slot

slot demo pragmatic

slot demo

slot gratis

akun demo slot

slot hoki

anti lag

anti rungkad

pawang slot